भर्तृहरि नीति शतक
श्लोक क्र.86
काव्यानुवाद ...डॉ.ओ.पी.व्यास
सज्जन रहें विपत्ति में ,
काल बहुत ही अल्प |
कराघात से गेंद जो नीचे ,
उछले कर संकल्प ||
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