[ 78 ] .......
त्याग करो तृष्णा का सारी ,
और क्षमा अपनाओ आप |
अहंकार को छोड़ो सारा ,
मन से सभी हटाओ पाप ||
बोलो सत्य वचन वाणी से ,
साधु पुरुष का ध्यान धरो |
विद्वानों की सेवा करिए ,
पूज्य पुरुष सन्मान करो ||
निज शत्रु को भी प्रसन्न कर ,
दैवीय गुण सब प्रकट करो |
सत्पुरुषों के हैं यह लक्षण ,
बुरा को अच्छा पलट करो ||
[ 78 ]
............
काव्यानुवादक डॉ.ओ.पी..व्यास ............................................................................
त्याग करो तृष्णा का सारी ,
और क्षमा अपनाओ आप |
अहंकार को छोड़ो सारा ,
मन से सभी हटाओ पाप ||
बोलो सत्य वचन वाणी से ,
साधु पुरुष का ध्यान धरो |
विद्वानों की सेवा करिए ,
पूज्य पुरुष सन्मान करो ||
निज शत्रु को भी प्रसन्न कर ,
दैवीय गुण सब प्रकट करो |
सत्पुरुषों के हैं यह लक्षण ,
बुरा को अच्छा पलट करो ||
[ 78 ]
............
काव्यानुवादक डॉ.ओ.पी..व्यास ............................................................................