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झुक जाते हैं वृक्ष सभी ,
जब लद जाते हैं फल से |
मेघ लटक जाते हैं ,
जब वे भर जाते हैं जल से ||
वैसे ही सत्पुरुष नम्र हों ,
जब पाते समृद्धि |
क्योंकि परोपकारी में यह ही ,
है स्वभाव की सिद्धि ||
[ 71 ]
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झुक जाते हैं वृक्ष सभी ,
जब लद जाते हैं फल से |
मेघ लटक जाते हैं ,
जब वे भर जाते हैं जल से ||
वैसे ही सत्पुरुष नम्र हों ,
जब पाते समृद्धि |
क्योंकि परोपकारी में यह ही ,
है स्वभाव की सिद्धि ||
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