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शोभित शास्त्र श्रवण से होते ,
नहीं कुण्डल से कान |
कंकण नहीं करों की शोभा ,
कर , शोभित , कर , दान ||
करुणा परायण पुरुष ना सोहें ,
केवल वे चन्दन से |
वरन है उनकी शोभा होती ,
पर हित के चिन्तन से ||
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शोभित शास्त्र श्रवण से होते ,
नहीं कुण्डल से कान |
कंकण नहीं करों की शोभा ,
कर , शोभित , कर , दान ||
करुणा परायण पुरुष ना सोहें ,
केवल वे चन्दन से |
वरन है उनकी शोभा होती ,
पर हित के चिन्तन से ||
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