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12 सित॰ 2016

[ १४ ] ..निर्जन पर्वत पर करो , वन्य जनों संग वास | इन्द्र भवन में मूर्ख के , जाओ ,किन्तु ना पास \\

[  १४ ]
निर्जन  पर्वत पर  करो  ,  वन्य  जनों  संग  वास   |
                                   इन्द्र  भवन  में  मूर्ख  के ,जाओ  किन्तु   ना पास  ||

भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद