[आर . एस .एस . [ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ] की शाखाओं में नित्य गाई जाने वाली प्रार्थना " नमस्ते सदा वत्सले मात् र भूमे" के भावानुवाद पर आधारित गीत- डॉ. ओ. पी. व्यास गुना म.प्र.(4 /6 / 2016 शनिवार)
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भारत माँ ,
तुमको कोटि प्रणाम |
तुमको कोटि प्रणाम |
तू हिन्दू भूमि, तू सुख की दाता, जग में तेरा नाम ||
हें मात्र भूमि सर्वस्व लुटाऊँ आऊँ तेरे काम |
नाम जपूं मैं तेरा माता, निशि दिन आठों याम |
तू मंगल मयि, पूण्य भूमि है,
जग में बड़ी महान |
यह नश्वर काया, तुझे समर्पित ,
तुझे समर्पित प्राण ||
हें शक्ति मान प्रभु , हें परमेश्वर,
हम हिन्दू राष्ट्र के अंग |
करें वन्दना सब हिल मिल कर
हम सारे ही संग ||
हों कटिबध्द राष्ट्र के हित को ,
उर में उठी तरंग
उर में उठी तरंग
दें आशीष, परम प्रभु हमको ,
गहरा हो यह रंग ||
हो अजेय शक्ति, हम सब में ,
हम आंयें राष्ट्र के काम |
हों विनम्र, सुशील हें ईश्वर,
कभी होवें नहीं गुलाम ||
बुद्धि पूर्वक स्वयं चुनी है ,
यह काँटों की राह |
ज्ञान, धैर्य, विवेक हमें दे,
है प्रभु ऐंसी चाह||
हों वीर व्रती हम,
ऐहिक, दैविक पथ की ही परवाह|
मोक्ष और कल्याण मार्ग हो,
हों शाहों के शाह||
हें करुणा मय प्रभु अब हम पर ,
कर दे ऐंसी करुणा |
हम में अक्षय तीव्र ज्योति की ,
हो जाए स्फुरणा ||
निष्ठां, ध्येय जाग्रत होवे ,
बढ़े आत्म विश्वास |
कभी नष्ट ना होने वाला,
फैले तीव्र प्रकाश ||
दें आशीष विधाता हमको,
विजय पताका फहरे|
संगठित कार्य शक्ति हो जाए,
उठें धर्म की लहरें ||
राष्ट्र परम वैभव ना पाले
तब तक कदम ना ठहरें |
निश्चय ही आयेंगे अपने ,
अच्छे दिवस सुनहरे "
निश्चय ही आयेंगे अपने ,
अच्छे दिवस सुनहरे "
हमको पूर्ण विश्वास विधाता,
यह हो के रहेगा काम |
जब तक भारतवर्ष ना स्वर्णिम ,
हमें कहाँ विश्राम ||
[ हें वात्सल्यमयि|
भारत माँ तुमको कोटि नमस्ते |
प्राण तुम्हारी बलिबेदी पर दे दूं हंसते हंसते ||
यह कार्य पूर्ण हो जाए विधाता,
अब दिखला दो वह रस्ते |
हें वात्सल्य मयि भारत माँ ,
तुमको कोटि नमस्ते || ]
भारत माता की जय
[भावानुवादक डॉ. ओ. पी. व्यास गुना म.प्र. ]=====================================================