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3 मार्च 2012

गजल -शहीदों के नाम

गजल 
शहीदों के नाम 
अशफाक आरज़ू को पूरी ना कर सके हम;
ख़ाक ए वतन कफ़न में तेरे ना धर सके हम!

जो जला है चिराग़ उस का निशां बाक़ी है;
जमीं वही है,और वही आसमां बाक़ी है!

रहा ना कुछ भी तो बाक़ी है,अब जमाने में,
जाम तो खाली हुआ दर्द ए *निहाँ बाक़ी है!

डॉ. ओ. पी. व्यास ..नई सडक गुना म.प्र. भारत 
-ब्राम्पटन ओंटारियो कनाडा से दि.- ६/५/२०११ 
*[छिपा हुआ दर्द ]

भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद