गजल
शहीदों के नाम
अशफाक आरज़ू को पूरी ना कर सके हम;
ख़ाक ए वतन कफ़न में तेरे ना धर सके हम!
जो जला है चिराग़ उस का निशां बाक़ी है;
जमीं वही है,और वही आसमां बाक़ी है!
रहा ना कुछ भी तो बाक़ी है,अब जमाने में,
जाम तो खाली हुआ दर्द ए *निहाँ बाक़ी है!
डॉ. ओ. पी. व्यास ..नई सडक गुना म.प्र. भारत
-ब्राम्पटन ओंटारियो कनाडा से दि.- ६/५/२०११
*[छिपा हुआ दर्द ]