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स्तुति है हाथों की दान में |
शिर की शोभा, गुरु प्रणाम में ||
मुख की शोभा , सत्य वचन में |
कर की शोभा , होती रण में ||
उर की शोभा है पवित्रता |
कान की शोभा श्रवण शास्त्र का ||
यह ऐश्वर्य के अलंकार हैं |
सज्जन पुरुषों को स्वीकार है ||
[ 65 ]
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स्तुति है हाथों की दान में |
शिर की शोभा, गुरु प्रणाम में ||
मुख की शोभा , सत्य वचन में |
कर की शोभा , होती रण में ||
उर की शोभा है पवित्रता |
कान की शोभा श्रवण शास्त्र का ||
यह ऐश्वर्य के अलंकार हैं |
सज्जन पुरुषों को स्वीकार है ||
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