68......
रखे आचरण सदा श्रेष्ठ जो ,
होवे पिता प्रसन्न |
कुल सपूत , कुल श्रेष्ठ पुत्र वह ,
जन्म है उसका धन्य ||
वह ही पत्नी धन्य ,सदा जो ,
करती पति का चिन्तन |
सच्चा मित्र जो साथ सुख दुःख में ,
उसका जग में वन्दन ||
ऐंसे मित्र , पुत्र और पत्नी ,
मिलें होय सद्भाग्य |
वह पूण्य वान पुण्यात्मा है जो ,
पाए ऐंसा भाग्य ||
[ 68 ]
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रखे आचरण सदा श्रेष्ठ जो ,
होवे पिता प्रसन्न |
कुल सपूत , कुल श्रेष्ठ पुत्र वह ,
जन्म है उसका धन्य ||
वह ही पत्नी धन्य ,सदा जो ,
करती पति का चिन्तन |
सच्चा मित्र जो साथ सुख दुःख में ,
उसका जग में वन्दन ||
ऐंसे मित्र , पुत्र और पत्नी ,
मिलें होय सद्भाग्य |
वह पूण्य वान पुण्यात्मा है जो ,
पाए ऐंसा भाग्य ||
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