खात में मत मारो लात ?
ऐ दोस्त सुनो , तुम मोर व्यथा, हर बात बतावत ,ना आवत ।
खात समय में ,बोलत नहीं ,सुनी तो होगी ,पुरानी कहावत ॥
पेट पै लात ,ना मारो ,कबहूँ, बहुत ही बुरी, होत,जा आदत ।
तरे भव से वो जो, मोनी बाबा , की सीख को मानत ॥