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26 फ़र॰ 2014

वेलेंटाइन ...हास्य व्यंग्य रचना ...डॉ.ओ.पी .व्यास गुना म.प्र.

वेलेंटाइन
वेल एन की टाई जहां है अजी वो है वेलेंटाइन ।
इसमें बुरा कहाँ है भैया सब कुछ तो है फाइन ॥
सब कुछ तो है फाइन जो किया लैला मजनूँ ।
या    शीरी      फरहाद   या  हीर     राँझा   नूँ  ॥
काम देव रति ने किया जिस लव बुक पर साइन ।
उस ही बुक में लिखा हुआ है शब्द ये वेलेंटाइन ॥
                     डॉ , ओ.पी .व्यास गुना म.प्र.

भृतहरि नीति शतक का काव्यानुवाद